लेखनी प्रतियोगिता 💦ओस कि बूंदे💦 -31-Jan-2023
💦ओस कि बूंदे💦
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सर्दी का मोसम सुहाना
सूरज का अपने रथ पर घूमना
ओस कि बूंद का सोने से चमकना
अनुपम अदभूत सा नजराना
प्रकृति का अनोखा खेल दिखाना
भोर का अटखेलिया करना
मानो नवनवेली का सोलह श्रृंगार खिलना
पिया को घूंघट कि ऑट से झांकना
सूरज का बूंद को श्रृंगारित करना
दुल्हन के रूप में चार चांद लगाना
ओस कि बूंद में जान डालना
ईस रुप का कोई नहीं सानी
मानो ओस कि बूंद कि अभिलाषा
का मान रख सूरज ने वरण कर
उसे जीवंत कर दिया।।
✍️ विजय पोखरणा "यस"
अजमेर
Gunjan Kamal
02-Feb-2023 11:22 AM
बहुत खूब
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Varsha_Upadhyay
01-Feb-2023 06:04 PM
शानदार
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sunanda
01-Feb-2023 03:44 PM
beautiful poem
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VIJAY POKHARNA "यस"
01-Feb-2023 04:31 PM
धन्यवाद
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